सुना है अक्सर लोगो को दोहराते हुए की ख्वाब सभी ऊँचे है मेरे,
गिर कर उठाना जानती हु इसलिए कहती हू ख्वाब सभी सच्चे है मेरे ।
अभी चलना ही सीखा है इसने ऐसा कहना है उनका,
बचपन का सुरूर है ऐसा मानना है उनका,
उड़ान क्या होती है कहाँ जाना है इसने ,
ज़िद्दी है थोड़ी इसलिए किसी का कहा कहाँ माना है इसने,
ठोकर खा कर गिरेगी तो होश संभल जायेंगे,
ऊँची उड़न उड़ने के सभी शोख़ बिखर जायेगे,
मैं भी ख़ामोशी से सुनती हू सबकी बातें , क्योंकि इरादे अभी भी पक्के है मेरे,
गिर कर उठाना जानती हू इसलिए कहती हु ख्वाब सच्चे है मेरे,
सुना है अक्सर लोगो को दोहराते हुए की ख्वाब सभी ऊँचे है मेरे।
लोग बेशबब ही मशरूफ है मेरी फ़िक्र मे,
ये सबूत है मेरे इरादों का की बार-बार नाम आता है मेरा उनके जिक्र में ,
पता नही लोग मेरे ख्वाबो की उड़ान से खफा है ?
शायद इसलिए ही रोकते मेरी राहें कई दफा है।
मैंने भी अगर ठान लिया है तो इबादतें सभी जरूरी करुँगी,
संघर्ष ही मेरा जीवन है कोशिशें हर सांस तक पूरी करुँगी,
मेरी मासूमियत को देख कर वो कहते है इरादे अभी कच्चे है मेरे,
गिर कर उठाना जानती हू इसलिए कहती हू ख्वाब सभी सच्चे है मेरे,
सुना है अक्सर लोगो को दोहराते हुए की ख्वाब सभी ऊँचे है मेरे।
मुश्किलें फ़क़त तब तक थी जब तक फैसले न लिए थे,
डर भी बस तब तक था जब तक कदम आगे न लिए थे,
मुश्किलों ने भी दम तोड़ दिया जब कदम आगे बढ़ाया,
हिम्मत ने भी खूब साथ दिया जब जंग का वक़्त आया ,
विश्वास को मेरे देख लोगे ने एक बार फिर फ़रमाया,
इस बार इरादे कुछ उनको जंचे थे मेरे,
गिर कर उठाना जानती हू इसलिए कहती हू ख्वाब सभी सच्चे है मेरे,
सुना है अक्सर लोगो को दोहराते हुए की ख्वाब सभी ऊँचे है मेरे।
~Jyoti Yadav
Copyright ©Jyoti Yadav. All rights reserved.