चंद लम्हों के दस्तावेज़ों के बीच आज एक पुरानी यादों की किताब खुल गई।
फूंक मार के धूल उड़ाई तो अकस्मात ही खोई हुई मेरी ज़िंदगी मिल गई।।
-Jyoti Yadav
चंद लम्हों के दस्तावेज़ों के बीच आज एक पुरानी यादों की किताब खुल गई।
फूंक मार के धूल उड़ाई तो अकस्मात ही खोई हुई मेरी ज़िंदगी मिल गई।।
-Jyoti Yadav
beautiful thought.. beautiful..!!
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Thanks Mansi 🙂
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क्या बात 👌
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अक्सर ऐसा ही होता है किसी मोड़ पर खोया लम्हा मिल जाता है ।
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Ji 🙂
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Hmm
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