चांद

ऐ चांद बड़ा सुकून मिक्ता है
तुम्हे अं
हारने से
कभी दिन में भी आया करो
के बातें करेगें।

बड़ी जल्दी रहती
;तुम्हे चलते जाने की
जाने किस से मिलने को
उतावले र
तुम
कभी सब को
के
थम के जाया करो
जी
के करेंगें।

ते हो
क br>कभी शांत मन
रोकी नदी मेंसदियों से ब
भी दो घड़ी रुको तो सहीजी भर के बातें करेंगें।~Jyoti Yadav