लम्हो को जोड़ा
तो वक़्त बन गया
कुछ मुलायम तो
कुछ सख्त बन गया ।
एक एक घडी को बिताया है
एक एक पल को संजोया है ।
कुछ को खोया अगर तो
कुछ को पाया है ।
जो चले गए वो यादो में है
जो साथ है वो बातों में है ।
किसी से रूठे तो
किसी ने मनाया भी है
किसी ने साथ छोड़ा तो
किसी ने निभाया भी है ।
किसी के संग रोये तो
किसी ने हसाया भी है
किसी ने कुछ भुलाया तो
किसी ने सिखाया भी है ।
ज़िन्दगी में
आना जाना लगा रहता है लोगो का
कुछ भीड़ बन जाते है ,
कुछ अज़ीज़ बन जाते है ।
वक़्त एक टुकड़ा है ज़िन्दगी का
क्या पता कल
किसी और टुकड़े में मुलाक़ात हो
आज ही जी लेते है इस ज़िन्दगी को
क्या पता कल क्या हालात हो ।
~Jyoti Yadav
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