घर में सिर्फ इंसान ही नहीं जज़्बात भी बसा करते है ,
उन जज्बातो की कोई आवाज़ तो नहीं ,
बस वो ख़ामोशी से हमारे संग उस घर में जिया करते है ।
जब सुबह उठती हू मैं ,
तो मुस्कुरा कर वो शुभ दिन की सुरुआत किआ करते है ,
उठ कर सर्दी में जब नंगे पैर ही चल देते है ,
तो कोने में पड़े जूतों की तरफ इशारा किया करते है ,
क्योंकि घर में सिर्फ इंसान ही नहीं जज़्बात भी बसा करते है ।
सुबह रसोई में जब खाना पकता है ,
उसकी महक से ही वो उनको नींद से जगा दिया करते है ,
सुबह की चाय पे हम दोनों के साथ ,
वो भी चुस्किया लिया करते है ।
क्योंकि घर में सिर्फ इंसान ही नहीं जज़्बात भी बसा करते है ।
घर के मंदिर में सुबह जब पूजा होती है ,
तब वो भी हमारी सलामती की दुआ किया करते है ,
जब निकलते है हम काम के लिए घर से ,
समय से वापस आ जाना कह कर, हमे विदा किया करते है ।
क्योंकि घर में सिर्फ इंसान ही नहीं जज़्बात भी बसा करते है ।
जाने कितनी दफा लडे है हम इस घर में ,
लेकिन लड़ाई ख़तम करते ही ,
एक दूसरे को देख कर मुस्कुरा दिया करते है ।
हंसे है साथ में यहाँ ,रोये भी है साथ में यहाँ ,
सुनहरे पल जो साथ में बिताये है यहाँ ,
उनको यादो में समां लिया करते है ,
क्योंकि घर में सिर्फ इंसान ही नहीं जज़्बात भी बसा करते है ।
जब शाम को थकान के साथ घर की दहलीज़ को पार करते है ,
तब वो जज़्बात मुस्कुरा कर हमारी थकान को ,
अपने दामन में थाम लिया करते है ,
जो कभी घर आने में देरी हो जाये ,
तो बेसब्री से हमारा लौट कर आने का इंतज़ार किया करते है ।
क्योंकि घर में सिर्फ इंसान ही नहीं जज़्बात भी बसा करते है ।
जब रात को हम दो घडी प्यार के बिताते है ,
नज़रे चुरा कर देखते है वो हमारी तरफ ,
फिर सरमा कर एक पल में ही सिर झुका लिया करते है ,
जब नींद आँखों में चढ़ने लगती है ,
तो वो शांति के साथ हमे अपने आँचल मे सुला लिया करते है ।
क्योंकि घर में सिर्फ इंसान ही नहीं जज़्बात भी बसा करते है ।
जब कभी हम घर में नहीं होते है ,
तो वो अकेलापन और तनहाई महसूस किया करते है ,
कल जाना होगा यहाँ से , इस घर को छोड़ कर ,
डर लग रहा है ,
क्योंकि ये जज़्बात बार बार हमारा हाथ थाम लिया करते है ,
क्योंकि घर में सिर्फ इंसान ही नहीं जज़्बात भी बसा करते है ।
कैसे रहेगे बिछड़ के इनसे ,
क्योंकि जज़्बात सिर्फ मन में ही नहीं घर में भी बसा करते है ,
सोचती हु , क्यों रहे हम दूर इनसे ,
चलो इनको भी साथ लिए चलते है ,
माना जज्बात मन के साथ साथ घर में भी रहा करते है,
कुछ यादों में, कुछ बातो में, कुछ साँसों में लिए चलते है ।
सारा प्यार सारा दुलार ,अपने नाम किये चलते है ।
चलो इन जज्बातो को भी अपने साथ लिए चलते है ।
~Jyoti Yadav
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